नई दिल्ली. कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए देशभर में लाॅकडाउन के बीच एलपीजी सिलेंडरों की मांग में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बता दें कि मार्च माह में जहां एक तरफ पेट्रोल-डीजल की मांग में गिरावट देखी जा रही है। पेट्रोल की मांग 8% और डीजल की मांग में 16% घट गई है। साथ ही हवाई जहाज के ईंधन एटीएफ की मांग में 15-20 प्रतिशत तक गिरावट आई है। वहीं, रसोई गैस सिलेंडर की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान खाली वक्त में लोग घरों में तरह-तरह के पकवान पका रहें है। इसकी वजह से एलपीजी सिलेंडर की मांग में भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
देश में रसोई गैस की किल्लत नहीं
इंडियन ऑयल के अध्यक्ष संजीव सिंह ने एक वीडियो संदेश में आश्वस्त किया कि देश में रसोई गैस की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति पूरे देश में सुचारू है। पेट्रोल, डीजल या रसोई गैस को लेकर कोई किल्लत या कोई दिक्कत नहीं है। विशेषकर रसोई गैस के लिए आश्वस्त करना चाहता हूं कि आप लोग निश्चिंत रहें। एलपीजी की आपूर्ति सुचारू रूप से चल रही है और चलती रहेगी। ग्राहकों से निवेदन है कि पैनिक बुकिंग न करें। इससे सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। हमने अब यह व्यवस्था शुरू की है कि कम से कम 15 दिन के अंतर से पहले ग्राहक रिफिल बुकिंग नहीं करा सकेंगे। वहीं एक अन्य विश्लेषक बताते हैं 'एलपीजी की मांग काफी बढ़ गई है जो घबराहट के कारण हो सकती है, हालांकि इसमें कोई कमी नहीं है। लेकिन मांग के रुझान पहले से ही सरकार को इस बात पर जोर दे रहे हैं कि कमी को रोकने के लिए प्रमुख निर्यातकों से पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं।'
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हर दिन औसतन 25 लाख सिलिंडर पहुंच रहा है
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि उन्होंने सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमान और अरामको के मुख्य कार्यकारी अमीन नासर के साथ वैश्विक तेल बाजार के विकास और भारत को एलपीजी आपूर्ति के मामले में चर्चा की। प्रधान ने कहा कि ऑटो-ईंधन और एटीएफ की तुलना में, एलपीजी की मांग में मार्च 2020 में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एलपीजी डिमांड में इस साल फरवरी माह में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले 10 दिनों में इंडियन ऑयल रोजाना औसतन 25 लाख सिलेंडर को ग्राहकों के घर पहुंचा रहा है। क्रूड में कटौती के बावजूद इंडियन ऑयल रिफाइनरी एलपीजी प्रोडक्शन आम दिनों के मुकाबले स्थिर रखे हुए है।